अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: महिला क्रिकेट को मिली मजबूती

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महिला क्रिकेट के मुख्य धारा में आने के कारण ही आज आने वाले मैचों का उत्सुकता से इंतजार किया जाता है। पहले इस बात का पता ही नहीं चलता था कि महिला क्रिकेट टीम कहां खेल रही है।
एशियाई देशों में क्रिकेट को हमेशा से पुरुष प्रधान खेल के तौर पर ही जाना गया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बात उस टीम की भी होनी चाहिए जिसने इसे बदल दिया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आइसीसी विश्व कप के बाद से पुरुष प्रधान इस खेल में पांव जमाने शुरू कर दिए हैं। विश्व कप में उपविजेता रहने के बाद भी भारतीय महिला क्रिकेट ने टेलीविजन को कमाऊ खेलों की श्रेणी में ला दिया है। इसे महिला क्रिकेट की लोकप्रियता ही माने की इस साल उनके लिए भी आइपीएल के कुछ प्रदर्शन मैच खेले जाएंगे और जल्द ही महिला आइपीएल भी देखने को मिलेगा। महिला क्रिकेट को आइपीएल के स्तर तक लाना महिला सशक्तिकरण का बेहतर उदाहरण है।

दरअसल, महिला क्रिकेट टूर्नामेंट पहले खानापूरी के तौर पर ही आयोजित किए जाते थे लेकिन 2017 के विश्व कप ने सबकुछ बदल कर रख दिया। पहले जिनके मैचों को देखने के लिए निशुल्क प्रवेश रखे जाने के बाद भी दर्शक नहीं आते थे उन्होंने ही टीवी पर दर्शकों की संख्या का नया रेकॉर्ड बनाया। मिताली राज और हरमनप्रीत कौर के प्रदर्शन से टीम फाइनल तक पहुंची और लोकप्रियता के पायदान पर भी आगे बढ़ी। दो साल पहले तक भारत में आम तौर पर कोई भी किसी महिला क्रिकेटर का नाम नहीं जानता था जबकि आज मिताली और स्मृति मंधाना हर एक खेल प्रेमी की जुबान पर हैं। यह सब संभव हुआ है इन महिलाओ के स्वयं के खेल से। एक बार मिताली ने कहा भी था कि जब वे क्रीज पर होती थीं तो उनके दिमाग में केवल यह नहीं होता था कि उन्हें अपनी टीम को जिताना है बल्कि उन्हें इस बात का भी आभास होता था कि उनके खेल से महिलाओं की स्थिति सृदृढ़ होगी। डायला एडुलजी और अंजु जैन भी महिला क्रिकेट को इस स्तर पर नहीं ला पाई जिस स्तर तक महिला क्रिकेट टीम अभी है।

महिला क्रिकेट के मुख्य धारा में आने के कारण ही आज आने वाले मैचों का उत्सुकता से इंतजार किया जाता है। पहले इस बात का पता ही नहीं चलता था कि महिला क्रिकेट टीम कहां खेल रही है। कई बार तो दो शृंखलाओं के बीच सालों का अंतराल हो जाता था। हालांकि अब ऐसा नहीं। हमें यह भी नहीं मान लेना चाहिए कि सबकुछ सही हो चुका है, अभी काफी कुछ करना बाकी है। आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ आगामी टूर्नामेंट भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए काफी खास है और इससे उनकी विदेशों में क्षमता का पता चलेगा।


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